मसूरी में अवैध होटलों के निर्माण का मामला, नैनीताल हाईकोर्ट ने दिए ये निर्देश

हाईकोर्ट ने मसूरी में अवैध होटल, गेस्ट हाउस व होम स्टे पर कार्रवाई की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद उसे निस्तारित करते हुए याचिकाकर्ता को सक्षम अधिकारियों व संस्थाओं को प्रत्यावेदन देने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को  कार्रवाई नहीं होने पर दोबारा जनहित याचिका दायर करने की छूट दी है। 


मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। देहरादून निवासी प्रवीण कुमार चौधरी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि मसूरी में अवैध होटल, होम स्टे का निर्माण किया गया है। मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए), पालिका की अनुमति के बगैर 128 होटल, गेस्ट हाउस और होम स्टे का निर्माण किया गया है।

याचिका में कहा गया कि यह जानकारी आरटीआई के तहत ली गई है। याचिकाकर्ता की ओर से अवैध निर्माणों पर कार्रवाई करने और भविष्य में निर्माणों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने की मांग की गई थी। पक्षों की सुनने के बाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने जनहित याचिका को निस्तारित करते हुए याचिकाकर्ता को सक्षम अधिकारियों और संस्थाओं को प्रत्यावेदन देने को कहा है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को कार्रवाई नहीं होने पर दोबारा जनहित याचिका दायर करने की छूट दी है।